अपनी ही जमीन को एक मुर्दे ने की दुबारा रजिस्ट्री।
मामला अररिया जिले का बथनाहा थाना क्षेत्र।
वरिष्ठ पत्रकार, पंकज रंजीत की कलम से, फारबिसगंज (अररिया) ।
जमीन फर्जीवाड़ा के इस मामला को अंजाम देने के लिये,एक भूमाफिया ने वर्ष 1955 के 60 वर्षों बाद दूसरी बार उस जमींदार के मृत होने के वावजूद उसे जिंदा कर वही जमीन निबंधन करवाया खुद के नाम।
प्रमाणित कागजातों के अनुसार यह मामला अररिया जिले के फारबिसगंज अन्तर्गत बथनाहा थाना क्षेत्र का है।जानकारों और प्राप्त अभिलेखों व दस्तावेजों से यह साफ जाहिर हो जाता है कि इस जमीन का असली मालिक पास एक शहबाजपुर गाँव का प्रवासी व अस्थाई बंगाली निवासी सिरदेन्दु नंदी था, जिसकी जमीन इसी अररिया जिला फारबिसगंज के भद्रेश्वर मौजा अंतर्गत खाता संख्यां 471,खेसड़ा 364,रकवा कुल 0.74 डिसमिल थी,जिसे उक्त जमीदार ने पहले ही वर्ष 1955 में वहीं के एक निवासी हरिलाल साह के हाथों बेच दिया था,जिसका नामांतरण 60 वर्षों के लंबित रहने से खाली पड़ा रहा था, जिसे बड़े इत्मिनान के साथ एक भू माफिया दिनेश झा,पिता स्वo रामानंद झा,निवासी फारबिसगंज वार्ड नम्बर 7,जिला अररिया ने फारबिसगंज से सटे लगभग पांच किलोमीटर के पास बथनाहा रेलवे स्टेशन परिसर के मुख्य प्रवेश द्वार के ठीक सामने भद्रेश्वर मौजा अंतर्गत दस्तावेज अनुसार खाता संख्यां:-471,खेसड़ा:-364,रकवा:-0.74 डिसमिल को दुबारा वर्ष 2015 में एक बार फिर रजिस्ट्री संख्यां:-145,तौजी नम्बर:- 8/1,केवाला नम्बर (दस्तावेज):-13169,पुस्तक संख्यां:-1 की जिल्द संख्यां:-179 के अंतर्गत पृष्ठ संख्यां 461 से 469 तक सी.डी.28 में 9 पृष्ठ में न सिर्फ निबंधन करवाया बल्कि उक्त जमीन को जल्दबाजी में बिहार सरकार के कई मुलाजिमों के साथ गैरकानूनी तरीके से मिलीभगत करके नामांतरण तक करवाकर एक कठोर अपराध को अंजाम दिया।
जबकि उक्त मौजा अंतर्गत वाली उस खाता व खेसड़ा की वही जमीन उसके पुराने मूल दस्तावेज के अनुसार अंग्रेजी शासनकाल से ही सर्दिन्दू कुमार नंदी के नाम से रही थी,जिसे सर्दिन्दु कुमार नंदी ने खुद एक स्थानीय निवासी हरिलाल साह को 11 फरवरी 1955 को निबंधन कर दिया था,जिसका मोटेशन वर्षो से लंबित होने के कारण उसका नाजायज लाभ उठाने के मकसद से ही फारबिसगंज वार्ड नम्बर 7 निवासी दिनेश झा,ने 29 दिसंबर 2015 को अपने नाम रजिस्ट्री करने हेतु एक बड़ा फर्जी जाल बुन अपने कई जान-परिचितों को धोखे से इस फर्जीवाड़े का सहयोगी बनाकर इस कठोर अपराध को अंजाम दिया,उसी आपराधिक फर्जी मामले का सबसे पहला शिकारी बना फारबीसगंज,शहबाजपुर निवासी राजानंद मंडल,जो अनपढ़ और मजदूर किसान था ,जिसे दिनेश झा ने पैसों के लालच में यह कहकर फारबिसगंज के रजिस्ट्री कार्यालय में चुपचाप सर्दिन्दु कुमार नंदी बनाकर खड़ा कर दिया,जिसे बथनाहा के पास एक गाँव श्यामनगर निवासी शिवलाल साह से शिनाख्त करवाकर इस रजिस्ट्री को अंजाम दिया,जो बाद में राजानंद मंडल और शिवलाल साह,पिता महगू साह नामक दोनों मुलाजिमों को जब यह पता चला कि उन दोनों को दिनेश झा ने धोखाधड़ी कर उन्हें इस फर्जीवाड़े जमीन कारबार में शामिल कर खुद के लिए एक जमीन की रजिस्ट्री करवाई है,तब उन दोनों 27 अगस्त 2018 को सूचक शिवलाल साह पिता महगू साह,ने फारबिसगंज अनुमंडल पदाधिकारी के कोर्ट में सनहा सूचना संख्यां 973/एम.पी.2018 के अंतर्गत शिवलाल साह पिता,महगू साह,साकिन श्यामनगर, नरपतगंज बनाम दिनेश झा ,पिता रामानंद झा के विरुद्ध एक शपथपत्र भी दायर किया है।हांलाकि इस मामले को लेकर जानकार बतातें हैं कि,उक्त जमीन मालिक सर्दिन्दु कुमार नंदी ,उसी वर्ष 1955 से 1960 के आसपास उसी बथनाहा रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर भी रहें थे जो बाद में अपना स्थानांतरण कटिहार करवा लिया था,और फिर लगभग 1981 में उनकी मृत्यु भी हो गयी थी।
अब इस मामले में सबसे खास और अहम जांच का विषय यह भी है कि,असली और जिंदा सर्दिन्दु कुमार नंदी एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति था,जिसका हस्ताक्षर मूल दस्तावेज में प्रमाणित मिल सकता है,जबकि नकली और मुर्दा सर्दिन्दू कुमार नंदी यानी राजानंद मंडल एक अनपढ़ व्यक्ति था,जिसके अंगूठे का निशान है।दोनों साक्ष्यों के अनुसार आज के समय काल मे न तो सर्दिन्दू कुमार नंदी असली व्यक्ति है, और न ही नकली वाले बहुरूपिया राजानंद मंडल ही मौजूद है,लेकिन एक व्यक्ति वह शिवलाल साह जरूर मौजूद है,जिसने 973 एम.पी.अंतर्गत 27/08/2018 को फारबिसगंज एस.डी.ओ.कोर्ट इस मामले को लेकर एक शपथपत्र दायर कर न्याय की बाट जोह रहा है, जिसनें इस घटना से संबंधित सारी बातों को तर्कसंगत रखा।अब देखना यह है कि इतने दिनों बाद यह मामला आखिर क्या रंग लाती है,और किसे न्याय दिला पाती है।
रिपोर्ट :-पंकज कुमार रणजीत,फारबिसगंज, भारत-नेपाल सीमा