चुनावी मौसम में, जूता चप्पल फेंकने का समाचार आपने तो सुना ही होगा ,लेकिन आलू- प्याज फेंकने का समाचार शायद नहीं सुना होगा, लेकिन अब लोग आलू -प्याज फेंकने पर क्यों उतारू हो गए हैं वह भी मुख्यमंत्री की जनसभा में।
जी हां, मधुबनी के हरलाखी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जनसभा में आम लोगों ने आलू -प्याज मुख्यमंत्री की ओर फेंका हालांकि, यह आलू -प्याज मुख्यमंत्री के पास नहीं पहुंच पाया। इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आलू -प्याज फेंकने वाले का विरोध नहीं किया ,बल्कि अपने सुरक्षाकर्मियों से कहा कि उन्हें फेंकने दीजिए। इसके बाद आलू -प्याज फेंकना बंद हो गया।
इस विवाद पर तेजस्वी यादव का बयान वाकई में, जिम्मेदार और समझदारी का परिचायक है, उन्होंने इस घटना का निंदा की, और कहा कि लोकतंत्र में प्रतिरोध की अभिव्यक्ति सिर्फ मतदान में है, यह पूर्ण रूप से निंदनीय, अलोकतांत्रिक और अवांछनीय व्यवहार है।